Wednesday, September 3, 2025

238 दिन की भूख हड़ताल के बाद इब्रू तिमतिक का निधन, कट्टरपंथी सब एक जैसे होते हैं- चाहे उनका मजहब, लिबास, भाषा कुछ भी हो!


🔖 धर्मेंद्र आज़ाद

तुर्की की रेवोल्यूशनरी पीपल फ्रंट की 42 वर्षीय सदस्या इब्रू तिमतिक (Ebru Timtik) का 238 दिन की भूख हड़ताल के बाद 27 अगस्त को निधन हो गया। इब्रू पेशे से वकील, सामाजिक एवं मानवाधिकार के लिये आवाज़ उठाने के लिये जानी जाती थी।


मार्च 2019 में, उन्हें रिवोल्यूशनरी पीपुल्स लिबरेशन पार्टी के साथ एसोसिएशन का दोषी बताया गया और 13 साल और 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। भारत की तरह वहाँ की कट्टरपंथी सत्ता भी सच बोलने वालों को दबाने के लिये किसी हद तक भी गिर जाती है। 2 जनवरी, 2020 को, टिमटिक ने निष्पक्ष जाँच के अपने अधिकार के लिए लड़ने के लिए भूख-हड़ताल शुरू की थी।

हेगिया सोफ़िया संग्रहालय को मस्जिद में बदल देने पर ख़ुशियाँ मनाने वाले मुस्लिम भाइयों, आपकी भी आँखें भी खुल जानी चाहिये कि मुस्लिम कट्टरपंथी सोच रखने वाले तुर्की के तानाशाह एर्डोगन ने भी मोदी की तरह अनेक प्रगतिशील, धर्म निरपेक्ष, जन पक्षधर राजनीति के पैरोकारों को जेल में ठूँसा हुआ है। कट्टरपंथी सब एक जैसे होते हैं, चाहे उनका मजहब, लिबास, भाषा कुछ भी हो, सभी हिटलर के राहगीर होते हैं।


एक बेहतर समाज बनाने के सपने संजोये हुए, जनता के हक़ों के लिये लड़ते हुए शहीद हुई क्रांतिकारी इब्रू तिमतिक को नम आँखों से लाल सलाम।

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