➤ रविकांत ठाकुर अभिव्यक्ति की आजादी और पत्रकारिता का कत्ल क्या तब नहीं हुआ जब गोस्वामी खुद ही जज, खुद ही वकील बनकर, बिना तथ्यों के लोगों ...
अभिव्यक्ति की आजादी और पत्रकारिता का कत्ल तब हुआ गोस्वामी ने खुद जज बनकर
बेकसूरों को क़ातिल की तरह पेश किया
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➤ *रविकांत ठाकुर*
अभिव्यक्ति की आजादी और पत्रकारिता का कत्ल क्या तब नहीं हुआ जब गोस्वामी खुद
ही जज, खुद ही वकील बनकर, बिना तथ्यों के लोगों को कातिल बनाने...