पत्रकार की क़ातिल न्यूज एंकर समेत तीन दोषियों को उम्रकैद, सबूत मिटाने वाले को पांच साल जेल
कानपुर के चर्चित पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में 16 साल बाद अदालत का फैसला आया है। अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे)-19 की अदालत ने मुख्य आरोपी न्यूज एंकर कनिका ग्रोवर, उसके दो भाइयों और एक रिश्तेदार को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सबूत मिटाने वाले राजीव कुमार उर्फ बंटी को पांच साल कैद की सजा दी गई है। पीड़ित परिवार पिछले 16 वर्षों से इंसाफ की जंग लड़ रहा था।
घटना जून 2009 की है, जब लोकल चैनल सीएनएन न्यूज चलाने वाले कानपुर के बाबूपुरवा इलाके के निवासी बृजेश गुप्ता की बेहरमी से हत्या कर दी गई थी। 14 जून साल 2009 को पत्रकार बृजेश गुप्ता का शव उनकी कार की पिछली सीट पर बोरे में बंधा मिला था। उस पर धारदार हथियारों से कई चोटों के निशान थे। पोस्टमार्टम में ब्रजेश के शरीर पर 29 चोटें पाई गई थीं। उनको सिर से गर्दन तक 21 बार नुकीले हथियार से मारा गया था।
ब्रजेश के भाई प्रभात गुप्ता के मुताबिक, 13 जून 2009 की शाम करीब साढ़े चार बजे बृजेश को कानपुर के गोशाला चौराहे के पास देखा गया था। उस समय उनकी कार में उनके ही चैनल की एंकर कनिका ग्रोवर, उसका भाई सन्नी, मन्नी और सुरजीत सिंह सवार थे। बृजेश ने प्रभात को बताया था कि वह कनिका को घर छोड़कर लौट आएंगे, लेकिन वे कभी नहीं लौटे।
अगले दिन कार में शव मिलने के बाद प्रभात ने गोविंद नगर थाने में कनिका, सन्नी, मन्नी, उनकी मां अल्का ग्रोवर, सुरजीत सिंह और बंटी उर्फ राजीव कुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। जांच में खुलासा हुआ कि हत्या कनिका के घर पर की गई थी, जहां चाकू, एक नुकीले हथियार और हथौड़े से ब्रजेश पर बेरहमी से हमला किया गया था। ब्रजेश की रिवॉल्वर और पांच अंगूठियां गायब थीं।
पुलिस के मुताबिक, एंकर कनिका के पिता राजेंद्र ग्रोवर को बर्रा पुलिस ने चरस तस्करी और चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसकी जानकारी मिलने पर बृजेश ने कनिका को नौकरी से निकाल दिया था। जिससे दोषी पक्ष नाराज था। उन्हें शक था कि ग्रोवर को बृजेश ने ही जेल भिजवाया है, लिहाजा उन्होंने बृजेश को धमकियां दी थीं। मौत से दो दिन पहले बृजेश ने अपने भाई प्रभात को इन धमकियों के बारे में बताया था।
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गवाहों के बयान, सबूतों और आरोपी पक्ष के कबूलनामे के आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया। कनिका, सन्नी, मन्नी और सुरजीत को हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा दी गई। बंटी को सबूत नष्ट करने की धारा 201 के तहत पांच साल कैद सुनाई गई। अलका ग्रोवर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।