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एक वो समय था जब रेप पीड़ित को सर्वश्रेष्ठ इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया, एक यह समय है जब पीड़ित का शव आधी रात को जला दिया गया

डॉ. दीपक अग्रवाल

हमने वो समय भी देखा है, जब बलात्कार पीड़िता को सर्वश्रेष्ठ ईलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था और जब उसकी मृत देह भारत वापस आई तो उसे श्रद्धांजलि देने भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह स्वयं मौजूद थे, किन्तु फिर भी उस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम के लिए सरकार का बचाव किसी ने नहीं किया। जोरदार प्रदर्शन हुए और सभी विपक्षी पार्टियों ने सरकार को जमकर कटघरे में खड़ा किया।


आज ये कैसा जहालत भरा दौर है जहाँ ईलाज के लिए सिंगापुर भेजना और मृत देह को नमन करना तो दूर स्वयं सरकार ने अपने टट्टुओं से कहकर कूड़े की भांति आधी रात को उस मासूम बिटिया को जलवा दिया..?


यह कैसा दौर है जहाँ समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग जो कभी खुद को चौकीदार कहने लगता है, कभी राष्ट्रवादी बन जाता है, कभी देशभक्ति का सारा ठेका लिए दिखाई पड़ता है, एकदम खामोश है और दबी जुबान से सरकार का बचाव भी कर रहा है ये कहकर कि अब सरकार क्या करे, ये तो समाज का दोष है..?


अपनी दो कौड़ी की सड़ी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और बदबूदार हो चली राजनीतिक निष्ठाओं को पाले यह वर्ग इतना बेशर्म और बेगैरत हो चुका है कि इसके विषय में कुछ लिखना भी अपनी कलम की तौहीन लगने लगा है मुझे...!!


किन्तु एक बात ध्यान रखिएगा कि यह वर्ग चाहे कितना भी बड़ा कवि हो, राजनेता हो, अमीर हो, लेखक हो, संपादक हो, डॉक्टर हो, इंजीनियर हो या कुछ भी हो...! एक अच्छा इंसान कभी नहीं हो सकता....!! इनसे दूरी बनाकर रखिये..!