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हाथरस की रिपोर्टिंग को इवेंट बताने वालों को अपने आप पर शर्म आनी चाहिए और उन्हें भी जिसने ऐसे लोगों को वोट दिया था

विजय श्रीवास्तव

जिन लोगो को भी यह लगता है की हाथरस की यह सब घटना TRP का खेल है! रिपब्लिक भारत की बढ़ती TRP को नीचे लाने के लिए, आज तक और एबीपी न्यूज़ की इवेंट न्यूज़ है ! उन्हें कम से कम अपने आप पर शर्म आनी चाहिए और अपने ऐसे चेहरों से थोड़ी बहुत घिन भी आनी चाहिए !


आप जानते है इवेंट क्या होता है ! आपने ऐसे इवेंट किये होंगे तभी तो आपको एक पीड़ित परिवार सिर्फ उस एक इवेंट का हिस्सा लग रहा है !  जिले के एक बरिष्ठ नौकरशाह की ऐसी भूमिका की वह उस पीड़ित परिवार से उसकी मृत बेटी जो की बलात्कार और बहशीपन की शिकार होकर तिल तिल कर मर गई, उसके अंतिम संस्कार का भी हक़ छीन ले, रात के अंधेरे में उसी जिले का DM उसकी लाश को मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल कर जलवा दे, ऐसा घिनोना अत्याचार उस लड़की और उसके परिवार पर और तुम्हे इस सच को दिखाने वालो का सिर्फ एक इवेंट लगता है ! 

तुम सब भूल गए की तुम सब भी बहन बेटी बाले हो, इतनी लज्जा भी नही आती की इवेंट कहते किसको है ! वेंटिलेटर पर अंतिम साँसे लेकर तड़प तड़प कर दम तोड़ती हादसे का शिकार वह मासूम क्या झूठ बोल रही थी , क्या हाथरस का DM उस परिवार को डरा धमका कर चुप रहने की सलाह देकर उस इवेंट को करवा रहा था ! जिले के पूरे के पुर प्रशाशनिक अमले ने सारी की सारी कानून व्यवस्था को अपने जूते तले मसल दिया और आप कहते है की इस खबर को जानबूझकर एक इवेंट की तरह चलाया जा रहा है!


अगर एक गरीब लाचार और मजबूर परिबार की लड़की जिसकी इतनी वीभत्स तरीके से हत्या कर दी गई ! उसकी लाश को बिना परिवार ही रात के अंधेरे में प्रशासन द्वारा मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल कर जलवा दिया गया उसकी खबर दिखाना उसें न्याय दिलाना, उसकी आवाज उठाना सिर्फ एक इवेंट लगता है ! तो फिर  पिछले करीब दो महीने से लगातार सुशांत राजपूत को न्याय दिलाने के नाम पर जो हो रहा है ! तो फिर वह इस हाथरस के इवेंट से भी कही बडा इवेंट चल रहा है! ताकि TRP जस की तस बनी रहे !

इसे इवेंट कहने वालों वोट तो हमने भी आप ही की तरह भाजपा को ही दिया है ! मगर हम जीते जागते सच को देखते हुए अपनीआँखों पर पट्टी नही बांध लेते ! बाकी तुम इस इवेंट का जश्न मनाओ !