➤ रवीश कुमार
बलात्कार हमारे समाज का संस्थागत चेहरा है। विश्व गुरु भारत का समाज अपने भीतर ऐसे पुरुष पालता है जो अपनी ताक़त मोहल्ले की स्त्री पर आज़माता है। मंदिर के बनने से नए भारत का उदय हुआ था मगर उस नए भारत में नया कुछ दिखता नहीं है।
जो छात्र पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं वो इसे अवश्य पढ़ें। ताकि याद रहे कि बलात्कार की रिपोर्टिंग घटना की रिपोर्टिंग नहीं है। पत्रकार प्रियंका दुबे की यह किताब मेरे लिए प्राइमर की तरह है। सीखता हूँ इससे। आप सभी छात्र इसे अवश्य पढ़ें। आपका काम प्रियंका से भी अच्छा और गहरा होगा। इस समाज को बदलने के लिए प्रेरित करेगा।
विश्व गुरु भारत में बेटी को देवी मानते हैं टाइप की फटीचर पंक्तियों से बाहर निकलिए। अपनी रिपोर्टिंग में न तो इसे लाइये और न ही इस फटीचर पंक्ति के चश्मे से विश्व गुरु भारत की औरतों को देखिए। यह किताब एमेज़ॉन पर उपलब्ध है। 399 रुपये की है।