हफ्तेभर बाद भी दिल्ली-उत्तराखंड लाइव के गुमशुदा पत्रकार राजीव प्रताप का सुराग नहीं, परिवार को साजिश की आशंका
उत्तराखंड। अचानक लापता हुए दिल्ली उत्तराखंड लाइव के पत्रकार राजीव प्रताप के बारे में कोई सुराग न मिलने से उनके परिवारवाले अनहोनी की आशंका से डरे हुए हैं। उत्तरकाशी जिले के मनेरी के रहने वाले राजीव प्रताप स्थानीय मुद्दों को बेबाकी से उठाते थे। लेकिन 18 सितंबर की रात से उनका कोई पता नहीं है।
राजीव प्रताप की पत्नी मुस्कान ने स्थानीय मुद्दों पर वीडियो बनाने के कारण राजीव को धमकियां मिलने की बात कही है। मुस्कान ने बताया कि जिला अस्पताल उत्तरकाशी की जर्जर हालत पर राजीव ने एक वीडियो बनाया था, जिसके बाद से उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं।
परिजनों की शिकायत पर कोतवाली उत्तरकाशी में गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने पत्रकार की तलाश शुरू कर दी है। एसपी टिहरी सरिता डोभाल ने बताया कि राजीव की लास्ट लोकेशन और घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच की जा रही है। पुलिस दुर्घटना और आपराधिक साजिश दोनों पहलुओं से जांच कर रही है।
इसी बीच प्रेस क्लब और पत्रकार संघ के पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम और एसपी को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच तेजी से कराने की मांग की है।
अभी तक की तफ्तीश में पता चला है कि राजीव प्रताप पुलिस लाइन में तैनात पुलिसकर्मी से उनकी कार लेकर गुरुवार की शाम निकले थे। पत्रकार के साथ एक अन्य व्यक्ति भी कार में बैठा था, जो रास्ते में ही उतर गया था। अगले दिन कार वापस न लौटने पर राजीव के पुलिसकर्मी दोस्त ने उन्हें फोन किया, लेकिन फोन बंद था। घर जाकर पूछताछ करने पर भी उनकी कोई जानकारी नहीं मिली।
खोजबीन करने पर कार मनेरी थाना क्षेत्र के गंगोरी और स्यूना गांव के बीच भागीरथी नदी में फंसी हुई मिली। कार में राजीव नहीं थे। कार मिलने के बाद एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें नदी में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। हालांकि पहाड़ी इलाकों में ऐसी दुर्घटनाएं आम हैं, लेकिन राजीव की बेबाक पत्रकारिता को देखते हुए स्थानीय लोग और परिजन साजिश की आशंका से इंकार नहीं कर रहे हैं।