अब भारतीय मीडिया में सच्चाई के लिए कोई स्पेस नहीं है!
🔖 मोहम्मद ज़ाहिद
देश में खबरों को रोक कर, उन्हें स्प्रेड होने से रोकने के लिए मीडिया को पैनल डिस्कशन नहीं कराने देना और उसकी जगह हिंदू - मुस्लिम करना और मीडिया द्वारा यही स्प्रेड कराना फिलहाल वक्त की सबसे बड़ी हकीकत है..
आज भारत का मीडिया 2012-2014 वाला मीडिया होता तो सारी सोकाल्ड लोकप्रियता डस्टबिन में चली गई होती और जनता सड़कों पर होती..
मीडिया समाज में नरेटिव स्थापित करता है और उसने 2012 के बाद से मौजूदा सत्तापक्ष के लिए नरेटिव बनाना शुरू किया, इसमें रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, पुण्य प्रसून बाजपेई, अजित अंजुम जैसे पत्रकार और इनके प्रोग्राम शामिल थे... NDTV के कवर पोस्टर पर तब अन्ना हजारे को "दूसरा गांधी" के रूप में दिखाया जाता था और प्राइम टाइम में रवीश कुमार दिखाते थे...सब धोखा खा गये कि अन्ना हजारे कितनी बड़ी साज़िश थे..
2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार ने सबसे पहले मीडिया को ही नियंत्रित किया और उनके पक्ष में माहौल बनाने वाले सभी पत्रकारों रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, पुण्य प्रसून बाजपेई, अजित अंजुम जैसों को पैदल कर दिया...
कुछ चैनलों की आत्मा खरीदी, कुछ को पुर्णत: सशरीर ही अपने लोगों से खरीदवा दिया.. अब भारतीय मीडिया में सच्चाई के लिए कोई स्पेस नहीं है...ना सच के स्प्रेड होने की कोई संभावना..
#ReelsFever #ShortsFever #socialmedia https://t.co/onel9usfOJ
— VOiCE OF MEDIA (@voiceofmedia1) September 9, 2025
अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी दोस्त भारत के हितों पर लगातार चोट कर रहें हैं.. शुरूआत हथकड़ी बेड़ी में बांध कर आतंकवादियों की तरह भूखा प्यासा भारतीय लोगों को भारत भेजा गया जबकि ऐसा तो मुंबई हमले के आतंकवादी तहव्वुर राणा के साथ भी नहीं किया गया।
और फिर लगातार 40 से अधिक बार भारत को अपमानित करते हुए भारतीय पक्ष के विपरित खुद सीज़ फायर की घोषणा करना, इसके बाद 50% + पेनाल्टी लगाना और अब H-1B वीज़ा की फीस 100 गुना बढ़ाना... मगर चहुंओर चुप्पी है..
इधर पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में लगातार विभिन्न संगठनों का अध्यक्ष बनता जा रहा है। चीन के विक्टरी परेड में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ चीन की सेना से सलामी ले रहा है, दुनिया को संदेश दे रहा है।
सऊदी अरब के साथ NATO जैसा डिफेंस पैक्ट करता है जिसमें किसी पर भी हमला दोनों पर हमला माना जाएगा। और खबर है कि इसमें और तमाम देश शामिल हो सकते हैं...
इसके साथ ही पाकिस्तान ने चार राफ़ेल विमानों के टेल नंबर जारी किए है, BS001 , BS021, BS022 और BS027, इसके साथ ही वह तीन और विमानों को मार गिराने का दावा कर रहा है...
भारत का दावा क्या है? कुछ इमारतों, कुछ एयरबेस को ध्वस्त करना....ऑपरेशन सिंदूर से किसका अधिक नुकसान हुआ वक्त पर सामने आएगा, जैश ए मोहम्मद के जिस मुख्यालय को ध्वस्त किया गया था वहां और भव्य इमारत बनाई जा रही है, मगर 4 राफेल की कीमत 10 हज़ार करोड़ रुपये होती है... पाकिस्तान का दावा यदि सच है तो किसका अधिक नुकसान हुआ?
इस सब पर पर्दादारी है, इस देश का सबसे बड़ा गुनहगार भारत का मीडिया है जो इस सब पर पर्दादारी रखे हुए है...देश की जनता को भी इससे कोई फर्क नहीं..
वह दौर और था जब देश की जनता "जन लोकपाल" के लिए सड़कों पर उतर जाती थी, अब 5 किलो मुफ्त अनाज उसके लिए बहुत है.