मोदी के जन्मदिन पर छवि चमकाने के प्रपंच और टूलकिट का इस्तेमाल !
🔖 मुकेश कुमार
आख़िर वही हुआ, जिसकी संभावना थी। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को एक इवेंट में तब्दील कर दिया गया। मोदी की छवि को चमकाने और उन्हें विराट रूप देने के लिए तमाम तरह के प्रपंच किए गए, प्रचार के हथकंडे आज़माए गए। एक टूल किट बँटा और क्या, कैसे करना है इसे सुनिश्चित किया गया।
गोदी मीडिया को मोर्चे पर लगाया गया। उन्होंने मोदी की भर-भर की तारीफ़े की गईं। अखबारों के पन्ने विज्ञापनों से भर दिए गए। बीजेपी ने सोशल मीडिया पर माय मोदी की कैंपेन भी चलाई, जिसके तहत चापलूसों ने भर-भर के मक्खन उड़ेला।
हद तो तब हो गई जब कह-कहकर सेलेब्रिटी से बधाई दिलवाई गईं। आनंद विश्वनाथन से लेकर शाहरुख़ ख़ान, आमिर ख़ान तक से बधाई देने को कहा गया। मरते क्या न करते। उन्होंने बधाईयाँ दीं, मगर पोल भी खुल गई क्योंकि विश्वनाथन ने बीजेपी की आईटी सेल से मिले बधाई संदेश को ज्यों का त्यों पोस्ट कर दिया। बाद में खिल्ली उड़ने पर उसे सुधारा।
यही नहीं, मध्यप्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं को ताली बजाने और मोदी मोदी के नारे लगाने की ट्रेनिंग तक दी गई। उसका वीडियो वायरल हो रहा है।
क्या 11 साल में बीजेपी कार्यकर्ता इतने भी प्रशिक्षित नहीं हो पाए हैं कि मोदी जी का स्वागत कैसा करना है या फिर उनमें मोदी को लेकर कोई जोश नहीं बचा है इसलिए उन्हें फिर से जगाने की ज़रूरत पड़ गई।
कहना मुश्किल है कि विभिन्न देशों के नेताओं द्वारा दी गई बधाईयाँ भी खुद ब खुद दी गईं या फिर विदेश मंत्रालय ने उन्हें मैनेज किया ताकि ये दिखाया जा सके कि मोदी का जन्मोत्वस देश में ही नहीं विश्व भर में मनाया जा रहा है।
सवाल उठता है कि इस आयोजित-प्रायोजित अभियान की सचाई सामने आने के बाद क्या मोदी को कुछ फ़ायदा हुआ होगा या फिर इससे उनकी छवि को और नुक़सान पहुँचेगा?

