➤रवीश कुमार
बीजेपी के विधायक हैं सुशील इंदु तिवारी। इन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है कि उसमें मैं हूँ। जबकि मैं नहीं था। यह एक पैटर्न के तहत किया जाता है ताकि इनके समर्थकों की सोचने की शक्ति कभी पनप न सके। ये लोग ऐसे वीडियो डाल कर टेस्ट करते हैं कि मूर्ख बना हुआ है या नहीं।
दो तीन लोगों ने ऐसे वीडियो भेज कर पूछा जैसे मैंने पत्रकारिता का नाश कर दिया हो उस वीडियो में जिसमें मैं था ही नहीं। यह वीडियो मेरे बारे में कम अपने समर्थकों के बौद्धिक विनाश के बारे में ज़्यादा है। विधायक के बाद जिस तरह आई टी सेल की मानसिकता वालों ने इसे ट्वीट किया है उससे पता चलता है कि अपने लोगों को बाड़े में घेर कर रखो, उन्हें झूठ की सप्लाई देते रहो वर्ना वे भेड़ से घोड़ा बन जाएँगे।
रवीश कुमार सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होते रहे हैं. इस बार वायरल हुई क्लिप के बारे में दावा किया गया कि पत्रकारिता का ज्ञान देने वाले रवीश ज़मीन पर लोट कर रिपोर्टिंग कर रहे हैं. हमने पाया कि क्लिप में तो रवीश हैं ही नहीं. @Priyankajha0 @Badka_Bokraithttps://t.co/hSqpHfBjqe
— Alt News Hindi (@AltNewsHindi) September 30, 2020
आप सोचिए कि ये लोग मुझे लांछित करने के लिए कितना पीछे जा चुके हैं। 17 साल पुराने वीडियो में मुझे ढूँढा जा रहा है। हैं न कमाल । ये क्यों किया जा रहा है ? क्योंकि गोदी मीडिया की अश्लीलताओं को सही ठहराया जा सके। ये चाहते हैं कि सब मिट जाएँ और मिट्टी में मिल कर एक जैसे हो जाएँ ताकि कोई भेद न रहें। मेरे बारे में आई टी सेल की मेहनत कमाल की है। ऑल्ट न्यूज़ ने झूठ फैलाने वालों की पकड़ी है। शुक्रिया ऑल्ट न्यूज़।
विश्व गुरु भारत का मीडिया दो कौड़ी का मीडिया है। इसे महान बनाने के लिए रवीश कुमार का 17 साल पुराना वीडियो ढूँढा जा रहा है। जब नहीं मिलता है तो कुछ मिलता-जुलता ढूँढा जा रहा है। लगे रहिए इसी में। रिज़ल्ट आएगा ज़ीरो ही। पाँच ट्रिलियन बकते बकते माइनस में चली गई है जीडीपी। झूठ पर टिका वर्तमान भविष्य को ऐसे ही गड्ढों में गिरा देता है।